कोई जिंदा नजर नहीं आता
ख़त्म करो मायुशि और सब नफरतेंदिल रब का घर कोई असतं या कोई इब्लीस नहीं
वो कहती है करो वडा मेरी आँखों में रेहना कामैं कहता हूँ मुझे समुन्दर से यूँ ही मुहब्बत है
from : Life Shayari