कैसे कह दूँ कि अब थक गया हूँ मैं
न जाने घर में कितनों का हौसला हूँ मैं
behtar yahi tha ke mar jate ya maar dete
tum ne bichad kar kis inayat main daal diya hai mujhe
बेहतर यही था के मर जाते या मार देते
तुम ने बिछड कर किस इनायात में डाल दिया है मुझे
sirf waqt gujarna ho tu kisi aur ko apnana
hum pyar aur dosti ibadat ki tarah karte hai
सिर्फ वक़्त गुजरना हो तू किसी और को अपनाना
हम प्यार और दोस्ती इबादत की तरह करते है
from : Life Shayari