तेरी चेहरे की परछाई
मेरे आँखो से छटती नहीं
तेरी आने की आहट
मेरे कानों से हटती नहीं
या खुदा....या खुदा
ये कैसा इश्क का कैफ है
पिता हुँ तो चढ़ती नहीं
देखता हुँ तो उतरती नहीं
from : Shayari ka Khazana