हम भी है कुछ अधूरे से तेरे बिना !
इतना की अलफ़ाज़ में नही बोल सकते !
बिना बोले समझ जाती है तू मुझे !
इसी सुकून से जी रहा हु आज भी यहा !!
from : Four Line Shayari