प्यार मोहब्बत आशिकी.ये बस अल्फाज थे.
मगर.. जब तुम मिले तब इन अल्फाजो को मायने मिले
इंतज़ार सिर्फ वही करते हैं,
जिनकी मोहब्बत सच्ची हो
सच्ची मोहब्बत वादों से नहीं
इज़्ज़त देने से हासिल होती है.
नन्ही से परिभाषा है चाहत की
मैं शब्द... तुम अर्थ... तुम बिन मैं व्यर्थ।
from : Mohabbat Shayari