मुझे तुम किस लिए जगाते हो यूँ रातों में
नींदआतीनहीं ख्वाइश-ऐ-मुलाक़ातों में
लिपट गई है हसरतें यादों से इस तरह,
ज़िन्दगी मदहोश है तेरे ख्यालातों में.
from : Raat ki shayari