मेरे दिल मैं आज ख़्याल तेरा आ ही गया
जो छुपा था तेरे लबों पर वहीं सवाल आ ही गया
रोज़ रोज़ आ जाती हों तुम मेरे ख्वाबों मैं
आज दिन मैं तेरा जवाब आ ही गया
रात कटती हैं रोज़ तेरी यादों मैं
आज मेरी निगाहों मैं तेरा ख्वाब आ ही गया
दर्द तन्हाई का मुझसे खफा खफा रहता हैं
आज तेरे घर से जख्मों का मरहम आ ही गया
तू कोई गैर नहीं थी मेरे लिए
तेरे दिल भी आज मेरी दहलीज पर आ ही गया